Monday, 22 February 2016

बाल कविताएं

यह सभी कविताएं साहित्य कुंज पत्रिका (http://www.sahityakunj.net/)के फरवरी अंक में प्रकाशित हो चुकी हैं
एक-   
सूरज चाचू
सूरज चाचू क्यों रूठे हो
हमको जरा बताओ तो।
कई दिनों से छुपे हुए हो
घर से बाहर आओ तो।
ठंढ के मारे थर-थर कांपूं
गर्मी तनिक बढ़ाओ तो।
सूरज चाचू क्यों रूठे हो
हमको जरा बताओ तो।
दो-
चिड़िया रानी
चिड़िया रानी चिड़िया रानी
हम सबको हैं खूब सिखाती
सुबह-सुबह मेरे आँगन में
आकर हमको गीत सुनाती ।
चिड़िया रानी चिड़िया रानी
फुदक-फुदक कर दाना खाती
तरह-तरह के रंगों वाली
हम सब के मन को बहलाती।
चिड़िया रानी चिड़िया रानी
मेहनत करना हमें सिखाती
तिनका-तिनका बीन-बीन कर
अपना घर खुद ही हैं, बनाती।
चिड़िया रानी चिड़िया रानी
कितनी सुंदर कितनी प्यारी
सुबह जागकर हमें जगाती
मिलजुल कर रहना सिखलाती।
चिड़िया रानी चिड़िया रानी
हम बच्चों को लगती प्यारी ।
तीन-
पेड़ों को दोस्त बनायें

आओ पेड़ों को दोस्त बनायें
इनके बारे में कुछ जाने ।
ये जीवन के हैं आधार
सभी गुणों की हैं ये खान
फल और फूल हमें देते हैं
वर्षा को आमंत्रित करते हैं
पर्यावरण संतुलित होगा
जब घर आँगन में पेड़ लगेगा
तुलसी, पीपल नीम लगायें
जीवन को खुशहाल बनायें
हम सब इक-इक पेड़ लगायें
पर्यावरण को स्वस्थ्य बनायें
हारा-भरा संसार बनायें
हरियाली की अलख जगायेँ
आओ पेड़ों को दोस्त बनायें

इनके बारे में कुछ जाने।